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New LiFi technology क्या है और कैसे काम करती है ?

LiFi Visible Light Communication यह एक Optical Communication Technology है. ये एक हाई स्पीड ऑप्टिकल वायरलेस तकनीक है. इसमें Light के माध्यम से data Transfer होने के कारण इसकी speed करीबन 224 GBps तक होती है.

जैसे की आपको पता होगा यह Technology WiFi से मिलती जुलती है वैसे तो दोनों WiFi और LiFi में काफी अंतर है. लाईफाई जिसका पूरा नाम है Light Fidelity. दोनों सामान इसीलिए हैं क्यूंकि दोनों Wireless तरीके से Information को Share करते हैं. WiFI Radio Waves से data Transmission करता है, तो दूसरी तरफ LiFi Visible Light Communication का इस्तमाल करता है. Light bulb (LED) में जो रोशनी होती है उस रोशनी से यह technology कार्य करती है.

Firstly LiFi Visible Light Communication है. यह एक Optical Communication Technology है. जिनमे Visible Light Rays का use होता है. इन Rays की range है 400-800 Thz. इस Technology में Light के माध्यम से data Transfer होने के कारण इसकी speed करीबन 224 GBps है. जो wifi से करीबन 1000 गुना ज्यादा है, मतलब यह technology हर जगह उपलब्ध नहीं है वरना आप कुछ Seconds के अंदर, एक LED बल्ब के निचे खड़े हो कर Movies, Videos Download कर सकते हैं.

इसका फायदा यह भी है Internet की सेवा आपको मिलेने साथ-साथ, आपके कमरे में कभी भी अंधेरा होगा ही नहीं Because जब आप LiFi बल्ब को on करोगे तब रोशनी भी निकलेगी और internet भी।

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LiFi काम कैसे करता है

जैसे सारे Internet Devices काम करते हैं वैसे ही LiFi भी काम करता है. कैसे काम करता है यह जानने से पहले आपको यह जान लेना चाहिए की इसमें कोन-कोन से Components का इस्तेमाल किया जा रहा है, Finally इसमें मुख्य रूप से ये 3 component होते हैं.

1. Lamp Driver
2. LED Lamp
3. Photo Detector

As a result इन तीनो Components के साथ साथ आपको एक और Connection चाहिए जिसको हम और आप कहते हैं Internet. पहले से ही मैं आपको एक जानकारी दे चूका हूँ यह Lights के जरिए data Transmission करता है. LED बल्ब के कुछ Characteristics हैं. LED बल्ब में Light Emitting Diode और Fluorescent Component के कारण LiFi के लिए यह सही Component है.

Finally आपको लाईफाई के लिए High-Speed data rate की आवश्यकता है और LED बल्ब में DATA Light की Speed से Transmit होते हैं. इन LED Bulb में Light Intensity काफी तेजी से बदलता रहता है. Light कभी On होता है तो कभी Off. Human Eyes इन LIght On और Off को कभी देख ही नहीं सकते. But Photo Detector को यह सब दिखाई देता है. इन सभी वजहों के कारण LED बल्ब सबसे सही है. LiFi की कार्य प्रणाली को समझने के लिए आपको LED को समझना जरुरी था.

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कार्य प्रणाली

Internet Source Lamp Driver से जुड़ा रहता है और Lamp driver, internet cables से आने वाली Information Led Bulb के अंदर Transmit करता है. Then LED बल्ब में जो Light आती है. वह निचे Photo Detector से टकराते ही, Photo detector Light में होने वाले बदलाव को आसानी से पहचान जाता है.

As a result of Photo detector Light Signals को Binary data Convert कर देता है. और Computer या फिर Smartphone पे Process होने के लिए भेज देता है. बाद में वह Audio, Video, Images में Convert हो जाता है. Therefore इसके बाद Application में हम डाटा को देख सकते हैं.

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Lamp Driver से होते हुए Led Lamp और likewise इसके बाद Photo Detector से data Mobile के पास आता है. वैसे ही इसके वीपरीत Mobile से डाटा वापस LED Lamp से होते हुए data वापस Receiver के पास जा सकता है. यह Bidirectional System पे भी काम करता है. Sender से Receiver और Receiver से Sender.

History of LiFi in Hindi

लाईफाई के Co-Founder Harald Haas Pure हैं Above all इस तकनीक को Prof. Harald Haas, जो UK के University of Edinburgh के थे, LiFi Technology के Founder भी माने जाते है. अपने Invention को वो Tech Talk में Represent किया था। जिनकी सोच से ही आज हम LiFi Technology को भविष्य में इस्तेमाल कर सकते हैं. Finally इनके मुताबिक अगर किसी भी Information को Visible Light Portion के माध्यम से भेजा जाए. तो उसे Visible light communication (VLC) कहा जाता है.

Edinburgh’s Institute में थे, तब उन्होंने 2010 से 2012 तक इस प्रोजेेेक्ट को काफी समय दिया था. Secondly जब वो काफी समय से इस project के  उपर बिताने के बाद 2011 में TED Global Talk दौरान LiFi Technology को लोगों के सामने प्रदर्सन किया था। इसके बाद लोग इस Technology के बारे में लोग जानने लगे थे. उसी समय बिना समय गवाए एक Company की शुरुआत की गई थी जिसका नाम था PureLiFI जो अभी है.

Firstly PureLiFi का पहले एक नाम था Pure VLC जो की एक original equipment manufacturer (OEM) Company थी. Purelifi के व्यवसाय को बढ़ाने के लिए यह Company मोजुदा LED Lighting पे काम करने लगी. Therefor October 2011 में इस Company ने और Industries के  Groups मिलके LiFi Consortium का गठन किया था. दोनों का एक ही मकसद था High Speed Wireless System का गठन करना है .

Radio Waves में जो Limitation है उनको ख़तम करना, एसी बहुत सारी Companies थी जो Uni-Directional VLC Product बनाने लगी थी But वह Li-Fi से काफी भिन थी. 2012 में VLC Technology को LiFi के साथ प्रदर्शन किया गया था. August 2013 के एक प्रदर्शन में यह प्रमाणित हो चुका था. इसमें Single Color LED 1.6 Gbit/sec के साथ Data Transmission हो रहा था.

Earlier September 2013 के एक Press में यह बोला गया की LiFi में Line Of Sight की कोई आवश्यकता नहीं है. October 2013 के एक Report में यह बतया गया था की Chinese Manufacturers ने LiFi kit को Development में लगे हुए हैं. April 2014 में Russian company Stins Coman ने एक wireless Network को Develop किया जिसका नाम था BeamCaster, फ़िलहाल इस में data speed करीबन 1.25 gigabytes per second है.

आगे भविष्यत में LiFi की Speed 5 GB/sec होने वाली है. यही छोटा सा LiFi का इतिहास था. सायद पसंद आया हो आपको. चलिए अब बात करते हैं इसके फायदे और
नुकसान के बारे में.

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