आपके ऑनलाइन लाइफ में कैसे मदद करेगा डाटा प्रोटेक्शन बिल, 12 प्वाइंट्स में जानिए प्रावधान – News18 हिंदी


देवाशीष सरकार

डाटा प्रोटेक्शन बिल (Data Protection Bill) पर ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (Joint Parliamentary Committee-JPC) की रिपोर्ट गुरुवार को राज्यसभा में पेश की गई. इससे भारत में पहले डाटा प्रोटेक्शन लॉ के लिए का मार्ग प्रशस्त हो गया है. भारत दुनिया भर में सबसे बड़ी इंटरनेट अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और ग्लोबल टेक टैलैंट को भी बढ़ावा दे रहा है. ‘डाटा इज द न्यू ऑयल’ को देखते हुए इस पर एक स्पष्ट कानून होने की जरूरत है.

कमेटी द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर जल्द ही बहस होगी. अगर यह पारित हो जाता है, तो यह कानून पर्सनल और नॉन-पर्सनल डाटा दोनों की सुरक्षा को प्राथमिकता देता है. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि डाटा प्रोटेक्शन के लिए एक ऑथिरिटी होगी.

बिल की मुख्य विशेषताओं के जरिए जानिए कि डाटा प्रोटेक्शन बिल आपके ऑनलाइन जीवन में आपकी मदद कैसे करना चाहता है-

1. कंसेंट फ्रेमवर्क, पर्पस लिमिटेशन, स्टोरेज लिमिटेशन और डेटा मिनिमाइजेशन जैसी अवधारणाओं को बढ़ावा

2. पर्सनल डाटा एकत्र करने वाली संस्थाएं (Data Fiduciary) व्यक्ति (Data Principal) की स्पष्ट सहमति से केवल उस डाटा को कलेक्ट कर सकती है, जो एक विशिष्ट उद्देश्य के लिए आवश्यक है.

3. व्यक्ति को पर्सनल डाटा प्राप्त करने, गलत डाटा को सही करने, डाटा मिटाने, डाटा को अपडेट करने, डाटा को अन्य फिडूशीएरी (Fiduciaries) को पोर्ट करने और पर्सनल डाटा के प्रकटीकरण को प्रतिबंधित करने या रोकने का अधिकार प्रदान करने के लिए

4. डाटा प्रोटेक्शन ऑथिरिटी ऑफ इंडिया (Data Protection Authority of India) नामक एक ऑथिरिटी की स्थापना करना, जिसमें एक अध्यक्ष शामिल होगा और केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किए जाने वाले छह से अधिक पूर्णकालिक सदस्य नहीं होंगे.

5. ऑथिरिटी डाटा प्रिंसिपलों के हितों की रक्षा करेगा, पर्सनल डाटा के किसी भी दुरुपयोग को रोकेगा, प्रस्तावित कानून के प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करेगा और डाटा प्रोटेक्शन के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देगा.

6. सोशल मीडिया इंटरमीडियरी से संबंधित एक प्रोविजन को स्पेसिफाई करने के लिए, जिसके एक्शन का चुनावी लोकतंत्र, राज्य की सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था या भारत की संप्रभुता और अखंडता पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है.

7. डाटा फिडूशीएरी के फैसले से व्यथित डाटा प्रिंसिपल शिकायत करने के लिए ऑथिरिटी से संपर्क कर सकता है.

8. केंद्र सरकार को सरकार की किसी एजेंसी को प्रस्तावित कानून के लागू होने से छूट देने का अधिकार देना.

9. डाटा प्रोटेक्शन की अच्छी प्रथाओं को बढ़ावा देना और इस कानून के अनुपालन के लिए ऑथिरिटी को सशक्त बनाना.

10. इस कानून के प्रावधानों के तहत लगाए जाने वाले दंड और मुआवजे के निर्णय के उद्देश्य से अजूडिकैटिंग अधिकारी (Adjudicating Officers) नियुक्त करना.

11. किसी भी अपील को सुनने और निपटाने के लिए अपीलेट ट्रिब्यूनल (Appellate Tribunal) की स्थापना करना

12. प्रस्तावित कानून के प्रावधानों के उल्लंघन के लिए जुर्माना और दंड लगाने का प्रावधान

Tags: Data Privacy, Data Protection Bill





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