अमर उजाला 'हिंदी हैं हम' शब्द श्रृंखला में आज का शब्द है- गूँथना, जिसका अर्थ है- पिरोना, चीज़ों को सुई- धागे से एक जगह बाँधना या पिरोना, जैसे- माला गूँथना। प्रस्तुत है यतींद्र मिश्र की कविता- जहाँ से धोखा हुआजहाँ से धोखा हुआ धागों को आपसी रिश्तों में
खुली है अंदर की बात सबसे पहले वहीं परपरेशान हैं धागे कैसे बची रहेगी
गुलबूटों की मैत्री की अविभक्त मजबूती
और कपड़े के समाज में उनकी पारस्परिकतातार-तार होने से बचानी है
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संबंधों की अटूट डोरContents hide
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