समाचार एजेंसी PTI ने घरेलू रेटिंग एजेंसी Crisil की रिसर्च विंग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया है कि इंडस्ट्री के लिए नेटवर्क और स्पेक्ट्रम में निवेश करने के लिए प्रति यूजर औसत रेवेन्यू में बढ़ोतरी जरूरी है, और यदि टेलीकॉम ऑपरेटर्स ऐसा नहीं करते हैं, तो यूजर्स को इसका परिणाम खराब सर्विस के तौर पर झेलना पड़ सकता है।
Reliance Jio के टेलीकॉम सेक्टर में एंट्री लेने के बाद और कई सालों की जबरदस्त प्रतिस्पर्धा के बाद, इंडस्ट्री ने दिसंबर 2019 से टैरिफ में बढ़ोतरी शुरू कर दी थी।
रिपोर्ट कहती है कि “टॉप तीन कंपनियों के रेवेन्यू में इस वित्त वर्ष में 20-25 प्रतिशत की जबरदस्त बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।” आगे यह भी कहा गया है कि वित्त वर्ष 2022 में ARPU (प्रति यूजर औसत रेवेन्यू) में 5 प्रतिशत की धीमी बढ़ोतरी के बाद, वित्त वर्ष 2023 में यह आकंड़ा 15-20 प्रतिशत तक पहुंचने के लिए तैयार है।
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि पिछले वित्त वर्ष में, ग्राहकों की कुल संख्या में गिरावट आई थी, क्योंकि 3.70 करोड़ निष्क्रिय यूजर्स को हटा दिया गया था। हालांकि तीनों टॉप टेलीकॉम कंपनियों ने 2.90 करोड़ ग्राहकों को जोड़कर एक्टिव यूजर्स की संख्या में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी भी हासिल की।