What is Hardware – कंप्यूटर के वह भाग जिनसे मिलकर कंप्यूटर बनता है तथा कंप्यूटर के वे फिजिकल पार्ट्स जिन्हें हम देख व छू सकते है कंप्यूटर हार्डवेयर कहलाते है। कंप्यूटर हार्डवेयर को मुख्यत: दो भागो में बाँटा जाता है: 1. Internal और 2. External Hardware. तो चलिए इन दोनों तरह के Hardware के प्रकार और Examples के बारे में जानते है।
दोस्तों आज हम इस पोस्ट में जानेंगे की what is hardware l हार्डवेयर क्या है। जिन लोगों ने कंप्यूटर या लैपटॉप का इस्तेमाल किया होगा तो वे सभी लोग हार्डवेयर के नाम से परिचित होंगे ही और कुछ लोगों ने हार्डवेयर के बारे में पड़ा ही होगा। कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर से मिलकर बना है। कंप्यूटर की कल्पना हार्डवेयर के बिना की ही नहीं जा सकती है, because कंप्यूटर को जो चीजे मिलकर कंप्यूटर बनाती है और जिन्हें हम देख या छू सकते है। वे सब चीजे हार्डवेयर के पार्ट्स कहलाते है।
आइये विस्तार से जानते है की कंप्यूटर में हार्डवेयर क्या है ? (what is hardware) …
हार्डवेयर क्या है ? (What is Hardware) –
कंप्यूटर के वह भाग जिनसे मिलकर कंप्यूटर बनता है तथा कंप्यूटर के वे फिजिकल पार्ट्स जिन्हें हम देख व छू सकते है कंप्यूटर हार्डवेयर कहलाते है। For example Monitor, Keyboard, Printer और mouse आदि ये सभी हार्डवेयर पार्ट्स कहलाते है। कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर से मिलकर बनता है। सॉफ्टवेयर हार्डवेयर में ऐसे काम करता है जैसे हमारे शरीर में रूह होती है।
वैसे हार्डवेयर पार्ट्स को आम तौर पर बार-बार नहीं बदला जाता है, but जब कोई हार्डवेयर पार्ट ख़राब हो जाता है या नए सॉफ्टवेयर सिस्टम के साथ चलने असमर्थ होता है. तब अकसर हार्डवेयर पार्ट बदले जाते है। हार्डवेयर को आसान भाषा में समझे तो “computer hardware ” वह पार्ट्स होते है, जिससे कंप्यूटर में इस्तेमाल होने वाले भौतिक भागों के बारे में समझा जा सकता है की कंप्यूटर किन-किन फिजिकल का चीजों की आवश्यकता होगी। जिनसे मिलकर कंप्यूटर हार्डवेयर का निर्माण किया जाना है।
कंप्यूटर हार्डवेयर को आमतौर पर किसी भी कमांड या Instructions को execute करने के ने के लिये जिस चीज की जरुरत पड़ती है, उसे Software कहते है। हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बिना कंप्यूटर का कोई अस्तित्व नहीं होता है। Therefore हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के मिलने से ही कंप्यूटर का निर्माण हो पाता है।
अभी हमने हार्डवेयर के बारे में समझा हार्डवेयर क्या है (what is hardware). आइये अब कंप्यूटर हार्डवेयर के प्रकार के बारे में जान लेते है …
हार्डवेयर के प्रकार – Types of Hardware in Hindi
कंप्यूटर या लेपटॉप इस्तेमाल करने वाले सभी लोगों ने हार्डवेयर सिस्टम से परचित है। But जो नहीं जानते है उनके लिए में ये बता दूँ। हार्डवेयर सिस्टम दो तरह के होते है। एक जो कंप्यूटर में होता है दूसरा जो लैपटॉप में होता है। इन दोनों में हार्डवेयर लगभग समान ही होता है. लेकिन लैपटॉप के सारे physical components जुड़े हुए होते है और कंप्यूटर components अलग-अलग होते है जैसे- Monitor, Keyboard, Mouse बगेरा।
कंप्यूटर हार्डवेयर को मुख्यत: दो भागो में बाँटा जाता है: 1. Internal और 2. External Hardware. तो चलिए इन दोनों तरह के Hardware के प्रकार और Examples के बारे में जानते है।
Internal Hardware
Internal Hardware (आंतरिक घटक) आमतौर पर हमें दिखाई नही देते है, because यह Computer Case (Cabinet) के अंदर मौजूद होते है, इन्हें देखने के लिए हमे CPU cabinet को खोलना पड़ता है। Internal Hardware की सूची नीचे दी गयी है और उनके बारे में भी समझाया गया है :-
CPU (Central Processing Unit) :- इसका पूरा नाम है Central Processing Unit होता है। यह खुद एक Hardware नहीं है, बल्कि इसके अंदर कई सारे छोटे-बड़े Hardware मौजूद होते है। ये Computer को नियंत्रित करता है। For this reason CPU को कंप्यूटर का दिमाग भी कहाँ जाता है।जैसे हमारा दिमाग हमें instruction प्रदान करता है कार्य को करने के लिए वैसे ही CPU कंप्यूटर को कण्ट्रोल करता है। इसमें मुख्य रूप से 3 Components है। ALU (Arithmetic Logical Unit), CU (Control Unit) और MU (Memory Unit).
Motherboard :- यह हार्डवेयर कंप्यूटर का मुख्य भाग होता है। CPU के अंदर मौजूद होता है और एक बोर्ड की तरह होता है। इसे PCB यानी Printed Circuit Board कहाँ जाता है। Motherboard पर CPU और सारे Internal components फिट किये जाते है। Internal हार्डवेयर के सारे पार्ट्स motherboard से ही जुड़े हुए होते है।
RAM :- RAM एक प्राइमरी मेमोरी होती है, जबकी हार्ड डिस्क एक सेकंडरी मेमोरी होती है। RAM कंप्यूटर मदर बोर्ड में लगे प्रोसेसर के पास ही लगी होती है, ताकी यह जल्दी से जल्दी डाटा को कंप्यूटर प्रोसेसर तक पहुंचने के सारे रास्तो को खोल सके। RAM का पूरा नाम Random Access Memory होता है।
Secondly इसका उपयोग डाटा को स्टोर करने में किया जाता है, लेकिन अस्थाई मेमोरी (Volatile Memory) होने के कारण, यह डाटा तभी तक स्टोर होता है जब तक पावर ऑन होता है। पावर ऑफ़ करते ही इसका डाटा स्वतः ही डिलीट हो जाता है।
ROM (Read Only Memory) :– ROM एक non volatile Memory होती है। इसका मतलब की यह एक ऐसी memory device या storage medium होती है जो की information को permanently store करती है। ROM का Full Form होता है “Read Only Memory“ होता है। Consequently यह कंप्यूटर की स्थायी मेमोरी होती है।
ROM का कार्य Computer के जरुरी Data, Program या Firmware को Store रखना होता है। ROM का कार्य Booting के लिए आवश्यक Program BIOS को Store रखना है। ROM ही Operating System को Store रखता है। ROM का कार्य Stored Data, Program और Firmware को RAM को देना होता है।
Hard Drive Hard Disk Drive (HDD) :- HDD यह एक Data Storage Hardware Device है. यह Computer या Laptop के अंदर रहता है। जितने files या data या फिर कंप्यूटर प्रोग्राम इसी के अंदर Store होते है। OS भी इस HDD में स्टोर होता है। Therefore इस memory को C drive के नाम से भी जाना जाता है। Partition के बाद C, D, E Drive भी बनाई जाती हैं. hard drive, hard disk, fixed drive, fixed disk, and fixed disk, Optical drives से डाटा retrieve करके और डाटा को optical discs जैसे – CDs, DVDs, and BDs (Blue-ray discs), में Store करता है. इनकी Storage capacity बहुत ही ज्यादा होती है.
PSU (Power Supply Unit) :- कंप्यूटर के विभिन्न भागों को वांछित विद्युत की आवश्यकता की पूर्ति हेतु जिस यंत्र का उपयोग किया जाता है, उसे पावर सप्लाई यूनिट (Power Supply Unit) कहते हैं।
NIC (Network Card) :- नेटवर्क इंटरफेस कार्ड (NIC) एक हार्डवेयर घटक है जिसके बिना कंप्यूटर को नेटवर्क से नहीं जोड़ा जा सकता है। यह एक कंप्यूटर में इनस्टॉल सर्किट बोर्ड होता है जो कंप्यूटर को नेटवर्क कनेक्शन प्रदान करता है। Finally इसे नेटवर्क इंटरफेस कंट्रोलर, नेटवर्क एडॉप्टर, ईथरनेट या लैन एडेप्टर भी कहा जाता है।
Heat Sink (Fan) :- ऊष्मा अभिगम ( heat sink) वह युक्ति है जो किसी इलेक्ट्रानिक या यांत्रिक युक्ति में उत्पन्न ऊष्मा को स्वयं ले लेती है और उसे किसी अन्य तरल माध्यम (जैसे, वातावरण, जल आदि) को दे देती है। इस प्रकार यह उन युक्तिओं को एक सीमा से अधिक गरम नहीं होने देती जिससे वे खराब नहीं होते।
Since हीट सिंक आपके कंप्यूटर की सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (सीपीयू) से गर्मी दूर खींचता है। हीट सिंक में एक थर्मल कंडक्टर होता है जो सीपीयू से गर्मी को पंखों से दूर ले जाता है जो गर्मी के लिए एक बड़ा सतह क्षेत्र प्रदान करता है, जो शेष कंप्यूटर में फैल जाता है, इस प्रकार हीट सिंक और प्रोसेसर दोनों को ठंडा करता है। हीट सिंक और रेडिएटर दोनों को एयरफ्लो की आवश्यकता होती है और इसलिए, दोनों में पंखे बने होते हैं।
Graphics Card :- ग्राफिक कार्ड एक इलेक्ट्रॉनिक कार्ड या हार्डवेयर कॉम्पोनेन्ट होता है जो कंप्यूटर या लैपटॉप के अलावा स्मार्टफोन में भी दिया जाता है। कंपनी की तरफ से ग्राफिक कार्ड लैपटॉप या कंप्यूटर के मदरबोर्ड में इनबिल्ड किया जाता है। But आप चाहें तो बाजार से एक्सटर्नल ग्राफिक कार्ड लाकर भी अपने कंप्यूटर में लगा सकते हैं.
External Hardware –
External Hardware – वह बाहरी घटक जिन्हें Peripheral Components भी कहा जाता है, यह बाहर से कंप्यूटर के साथ जुड़े होते है। इनमे Input और Output Devices शामिल होते है। जिनकी निम्नासार सूची नीचे दी जा रही है : –
Monitor :- एक electronic device है जो की कुछ Computer में output दिखाने के लिए किया जाता है, यह एक आउटपुट डिवाइस होता है। इसको विजुअल डिस्प्ले यूनिट भी कहा जाता है। यह देखने में टीवी की तरह होता है। Then यह आउटपुट को अपनी स्क्रीन पर Soft Copy के रूप में प्रदर्शित करता है। ये Hardware LAPTOP में छोटा साइज़ का होता है और Desktop में थोडा बड़ा होता है.
Mouse : – माउस एक pointing device होता है, जिसका फुल फॉर्म ” Manually Operated Utility For Selecting Equipment ” होता है। जिसका इस्तेमाल कंप्यूटर स्क्रीन में होने वाली एक्टिविटी को कण्ट्रोल करने के लिए किया जाता है। Consequently Mouse की मदद से कंप्यूटर स्क्रीन में मौजूद डाटा या files को एक साथ select किया जा सकता है तथा उन्हें open एवं close भी किया जा सकता है।
Keyboard :- यह एक Input device है. इस Hardware के बिना तो कंप्यूटर में कुछ डाटा ENTER भी नहीं कर सकते हैं. इसी के मदद से हम Computer के सारे लिखने वाले कार्य कर सकते हैं. आप जो अभी पढ़ रहे हैं वो भी इसी के Keyboard से लिखा गया है. इस electronics Devices देख भी सकते हैं और छु भी सकते हैं. सबसे ज्यादा इस्तमाल किए जाने वाले devices में से यह एक है. इसके अंदर भी दूसरे hardware component होते है। इस device को USB Port में लगाया जाता है।
Printer :- प्रिंटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाईस है जिसका उपयोग डिजिटल सूचना को कागज पर छापने के लिए किया जाता हैं. यह कम्प्युटर का बाहरी आउटपुट डिवाईस होता है. जो कम्प्युटर में सॉफ्ट कॉपी को हार्ड कॉपी में परिवर्तित करने का काम करता हैं. आमतौर पर प्रिंटर कंप्यूटर के साथ कार्य करता है, और उसे केबल के द्वारा कंप्यूटर से जोडा जाता है।
Scanner :- स्कैनर एक मशीन होती है जिसके द्वारा किसी छपी हुई सामग्री यथा चित्र आदि को डिजिटल रूप में बदला जाता है। किसी बस्तु को स्कैन करके बनाई गई स्कैअन कॉपी या सॉफ्ट कॉपी को कंप्यूटर में संग्रहीत किया जा सकता है, और जिन्हें देखा ओर software application की सहायता से संशोधित भी किया जा सकता है।
Speaker :- कंप्यूटर स्पीकर एक कंप्यूटर हार्डवेयर output device होता है जो की अगर कम्प्यूटर के साथ जोड़ दिया जाए तब वो analog audio signals को audible sound में तब्दील कर देता है। जो की आख़िर में हमे सुनायी पड़ता है। यह भी External Hardware है।
UPS (Uninterruptible Power Supply) :- UPS का पूरा नाम Uninterruptible Power Supply है। यह एक electronic device होता है। UPS मूल रूप से बैटरी के साथ एक इन्वर्टर है। जिसका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जैसे पीसी, सर्वर, ऑडियो वीडियो वीडियो आदि के लिए बैटरी बैकअप और सर्ज प्रोटेक्शन प्रदान करने के लिए किया जाता है। Further कुछ UPS वोल्टेज रेगुलेशन के साथ भी आते हैं।
हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में क्या अंतर है?
Finally अब तक हमने जाना Hardware व Software दोनों ही कंप्यूटर के सबसे महत्वपूर्ण भाग है। यह कंप्यूटर के लिए अलग-अलग कार्य करते है। जिसके कारण इनके बीच कई अंतर है। तो चलिए इनके बीच क्या अंतर को समझते है।
हार्डवेयर (Hardware) –
- हार्डवेयर एक फिजिकल डिवाइस है, जो कंप्यूटर के साथ भौतिक रूप से जुड़ा हुवा होता है।
- Computer Hardware को आप देख व छू सकते है।
- हार्डवेयर को भौतिक सामग्री या कम्पोनेंट्स के इस्तेमाल से बनाया जाता है।
- यह Software के नियंत्रण में संचालित होता है।
- अगर Hardware खराब हो जाये तो इसे ठीक किया जा सकता है, या then
नए से रिप्लेस किया जा सकता है। - हार्डवेयर पर Computer Virus का कोई फर्क नही पड़ता।
- हार्डवेयर के बिना कंप्यूटर का कोई अस्तित्व नही है, इसके बिना यह नही चल सकता है।
सॉफ्टवेयर (Software) –
- सॉफ्टवेयर निर्देशों का एक समूह या प्रोग्राम है, जो कंप्यूटर को एक विशेष टास्क करने के लिये निर्देश देता है।
- Software को देखा छुवा नही जा सकता because यह एक प्रोग्राम है।
- सॉफ्टवेयर को बनाने के लिये प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में इंस्ट्रक्शन्स लिखे जाते है।
- यह कंप्यूटर के संचालन को नियंत्रित करता है।
- यदि कभी सॉफ्टवेयर करप्ट हो जाये तो आप इसकी बैकअप कॉपी को रीइंस्टॉल कर इसे दुबारा ला सकते है।
- जबकि Computer Virus Software को बुरी तरह से प्रभावित कर सकते है।
- बिना सॉफ्टवेयर कंप्यूटर चल तो सकता है, परन्तु यह कई एरर उतपन्न करेगा और किसी भी जानकरी को आउटपुट नही करेगा।
दोस्तों में आशा करता हूँ की आपको हमारे द्वारा दी गयी जानकारी अच्छी लगी होगी। आप जान चुके होंगे की ” What is Hardware in Hindi “ इस पोस्ट को लेकर आपके मन में कोई भी query हो तो आप हमसे जरूर पूछे। हम पूरी कोशिस करेंगे की आपको सही और सटीक जानकारी provide कर सके। हमारे द्वारा लिखी पोस्ट पढ़ने के लिए “Thank You”
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