कंप्यूटर में virtual मेमोरी आभासी मेमोरी कहलाती है और कंप्यूटर को काम करने के लिए working space चाहिए होता है, RAM कंप्यूटर को वह स्पेस प्रदान करता है। Firstly Virtual मेमोरी एक सॉफ्टवेयर तकनीक है यह कोई hard disk या hard drive नहीं है, यह एक software technology है, जिसका use कंप्यूटर की मेमोरी को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
What is the Virtual RAM ? In Hindi
Most importantly कंप्यूटर में अपना सारा काम मेमोरी की मदद से ही करता है Memory कंप्यूटर में अलग-अलग हिस्सों में बटी हुई होती है। मेमोरी को हम physical memory, Virtual memory, And Cache memory में बाटते या कहते है। Virtual memory की चर्चा हाल ही में मोबाइल फोन जोड़ने की वजह से तेज हुई है.
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Most importantly फिजिकल और कैश मेमोरी हार्डवेयर डिवाइस के रूप में कंप्यूटर में लगाई जाती हैं, जबकि वर्चुअल मेमोरी एक सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन है that is to say कि यह कोई हार्ड डिस्क या हार्ड ड्राइव नहीं है बल्कि यह एक software technology है, जिसका इस्तेमाल Computer की मेमोरी को बढ़ाने के लिए किया जाता है। जैसा नाम से ही पता चल रहा है यह कंप्यूटर में एक वर्चुअल या काल्पनिक मेमोरी है।
To clarify that हार्ड डिस्क की स्टोरेज कैपेसिटी का इस्तेमाल करके ही वर्चुअल मेमोरी काम करती है। Computer पर Real Time में जिस भी Software, Program, File आदि पर काम कर रहे होते है, वो Operation के दौरान RAM पर ही आकर Load होता है. But आपने कभी ये सोचा है की कंप्यूटर की Main Memory or RAM जिसकी Size करीब 4GB, 8GB या 16GB ही होती है फिर भी ये Multitasking के दोरान कैसे सभी बड़ी-बड़ी programing आसानी से एक साथ रखकर run कर पाती है.
Above all कंप्यूटर में दो तरह की फिजिकल हार्डवेयर मेमोरी डिवाइसेज लगाई जाती है, जिनमें First है हार्ड डिस्क and सेकंड है रेम। रेम की फुल फॉर्म Random Access Memory होती है। हार्ड डिस्क मैटल के बॉक्स में पैक सीडीज का group होता है, On the other hand रेम एक chip की तरह होती है।
Certainly इसी सवाल के वक्त कंप्यूटर की एक ऐसी छिपी हुई मेमोरी के बारे में पता चलता है, जिसका नाम है Virtual Memory जिसे Virtual RAM भी कहा जाता है. जिसके बारे में शायद बहुत से लोगों को पता भी नहीं होता है. आगे हम यह भी जानेगे की virtual मेमोरी किस तरह फायदेमंद साबित होती है।
What are the benefits of Virtual RAM ? in Hindi
Firstly Computer में एक Physical Memory है जो कंप्यूटर को Working Space देने का काम करती है for example कार्य के दौरान Open की गयी सभी Software, Program, File इत्यादि RAM पर ही तत्काल रूप से Load रहते है। इसमें होता कुछ यूं है कि जब भी कंप्यूटर को ऑन किया जाता है तो सबसे पहले बूटिंग प्रक्रिया होती है इस दौरान Operating System को सेकेंडरी मेमोरी जिसपर OS Installed रहता है उससे OS की कुछ जरुरी File लेकर RAM पर पर लोड किया जाता है उसके बाद हमें डेस्कटॉप स्क्रीन दिखाई देती है, फिर जब कोई Program या File Run कराते है तो वे सभी तत्काल रूप से RAM पर ही Load होते है और वे सभी तब तक RAM पर ही रहते है जब तक हम उसे Close या Save ना कर दें।
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Therefore हम ये मानते है की हमारे कंप्यूटर में 4GB की RAM लगी हो and कई सारे Program, File इत्यादि को एक ही बार में ओपन कर दिया जाय और ये 4GB का Space Full हो जाये तो क्या होगा, तो ऐसी condition में कुछ भी हो सकता है. In the other words Program, File इत्यादि Directly Close या क्रैश हो सकती है, System Hang हो सकता है, Operating System, Program क्रैश हो सकता है, ऐसे में बहुत ही बड़ी दिक्कत पेश आ सकती है।
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However इसी समस्या से बचने के लिए Operating System में Virtual Memory का Concept यूज़ किया जाता है। यह कांसेप्ट हर एक Operating System बनाने वाली कंपनी अपने OS में देती है, But अलग-अलग तरह के OS में इसका नाम अलग-अलग हो सकता है।
As a result Windows में इसे Page File के नाम से जाना जाता है, Linux में इसे Swap Partition के नाम से जाना जाता है, Mac में इसे Virtual Memory कहा जाता है और भी किसी दूसरे OS में इसका कोई दूसरा नाम भी हो सकता है परंतु सभी का Concept एक ही है।
How Virtual Memory Work ? in Hindi
To clarify जब हम कंप्यूटर पर काफी ज्यादा आप्लिकेशन रन करते है तो ये साड़ी चीजे रेम पर लोड होती है और रेम पर लोड बाद जाता है जिससे रेम की स्पीड कम हो जाती है and ऐसे समय में कंप्यूटर सबसे पहले हार्ड डिस्क में कुछ स्पेस को वर्चुअल मेमोरी में बदल देता है उसके बाद रेम में यह check करता है कि कौन सी एप्लीकेशन सबसे कम इस्तेमाल की जा रही हैया काफी देर से इस्तेमाल नहीं की गई है ऐसी एप्लीकेशंस को वर्चुअल मेमोरी में ट्रांसफर कर देता है यानी कि यह सारा डाटा रेम से टेंपरेरी हट चुका है और वर्चुअल मेमोरी में शिफ्ट हो गया है।
Because अब यह डाटा वर्चुअल मेमोरी में तब तक पड़ा रहेगा जब तक हम इसे फिर से इस्तेमाल ना करना चाहे। अगर हमने इसे इस्तेमाल किए बगैर ही कंप्यूटर को शट डाउन कर दिया तो यह वर्चुअल मेमोरी खुद ब खुद डिलीट हो जाएगी। In other word में कहें तो वर्चुअल मेमोरी रेम की क्षमता को बढ़ा देती है यह रैम के लिए खुद अलग से एक हार्ड डिस्क की तरह ही काम करती है। जितनी भी एप्लीकेशन रेम में चल रही है उनमें से जो कम use हो रही है या काफी देर से इस्तेमाल नहीं की गई है उसे वर्चुअल मेमोरी खुद में स्टोर कर लेता है जिससे रैम में फिर से स्पेस खाली हो जाता है and रैम दूसरी एप्लीकेशंस को ज्यादा अच्छे तरीके से एग्जीक्यूट कर पाती है।
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What is the size of virtual RAM – in Hindi
Consequently वर्चुअल मेमोरी की कोई फिक्स साइज नहीं होती है। इसकी साइज जरूरत के हिसाब से खुद-ब-खुद कम या ज्यादा हो जाती है। However आज के समय में हम खुद हमारे कंप्यूटर की वर्चुअल मेमोरी की केपेसिटी घटा या बढ़ा सकते हैं।
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