हम सभी वैसे तो Bluetooth के बारे में जानते है की ओर हम इसका इस्तेमाल रोजाना बहुतों बार किया भी होगा। चाहे वह किसी भी तरह का डेटा के आपस मे transfer के लिए या किसी भी डिवाइस को एक-दुसरे से मे जोड़ने के लिये।
Bluetooth एक ऐसी wireless technology है जिसका इस्तेमाल electronic devices के बिच data transfer करने के लिए किया जाता है. अगर हम दुसरे wireless communication modes की बात करें तब उनके तुलना में यहाँ data transmission होने का distance बहुत कम होता है. इसका मतलब की बहुत ही कम दूरी के भीतर ही data transfer हो सकता है Bluetooth में. इस technology के इस्तेमाल से users को कोई भी cords, cables, adapter की जरुरत ही नहीं पड़ती है और ये उन्हें wirelessly ही communicate करने की permission प्रदान करता है.
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येह Bluetooth एक प्रकार का Wireless technology है, जिसका इस्तेमाल कोई भी file या data transfer करने के लिए किया जाता है. इस Bluetooth technology को develop Bluetooth special interest group ने किया और इसकी physical range है 10m से लेकर 50m तक ही. ये Bluetooth device ज्यादा से ज्यादा सात devices में ही connect हो सकता है और इनका मुख्य इस्तेमाल smartphones, personal computers, और gaming consoles जैसे industries में किया जाता है. IEEE ने Bluetooth को standardized किया है IEEE 802.15.1 के रूप में, But यह standards केवल कुछ ही periods के लिए maintain किया जाता है.
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Bluetooth नाम कहा से लिया गया
Above all Bluetooth का नाम डेनमार्क के राजा Harald “Bluetooth” Gormssin राजा से लिया गया था जो दस्वी सदी मे शासन किया करते थे और Bluetooth technology का नाम इसके नाम सेलिया गया गया है की जब उस वक्त युद्ध के समय राजा Harald “Bluetooth” Gormsson ने सभी राजा को आपस मे समझोंता करने का न्योता दिया था ताकि युद्ध से बचा जा सके. आपने जाना Bluetooth क्या है ?(What is Bluetooth in Hindi)
ब्लूटूथ कैसे काम करता है ?
ब्लूटूथ का इस्तेमाल किसी भी दो मोबाईल को आपस ब्लूटूथ को जोड़ कर किसी भी तरह का डेटा शेयर करने हेतु अथवा किसी भी कंप्युटर के Input Device For example माउस और Keyboard जोड़ने तथा या फिर किसी भी कंप्युटर से प्रिंटर्र को जोड़ने इत्यादि मे इसका इस्तेमाल होता है जो की छोटे एरिया मे काम करता है. किसी भी दो या उससे अधिक डिवाइस को आपस मे जुडने के लिए दोनों मे ब्लूटूथ होना चाहिए.
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अपने डिवाइस को किसी दूसरे डिवाइस से ब्लूटूथ के जरिए जोड़ने के लिए that is say दोनों ही डिवाइस मे ब्लूटूथ ऑन करे यह ऑप्शन आपको अपने डिवाइस के सेटिंग मे दिख जाएगा.ब्लूटूथ ऑन होते ही वह खुद अपने आस पास मे ऑन ब्लूटूथ को सर्च करना सुरू कर देगा और आपके सामने उस सभी के लिस्ट देगा जीस डिवाइस मे ब्लूटूथ ऑन है. As a result आप जिस किसी भी डिवाइस ब्लूटूथ को जोड़ना चाहते उसे चुने और कनेक्ट करे.
Bluetooth के Advantages
- Firstly इसका इस्तेमाल करना काफी सरल है और इसके लिए हमे किसी भी तरह के पैसे खर्च नहीं करना पड़ता है.
- यह हर किसी स्मार्ट डिवाइस मे पहले से लगा आता है.
- Certainly क्यूकी यह FHSS का इस्तेमाल करती है इसलिए इसमे data communication काफी सुरक्षित है.
- इसके मदद से हम बिना वायर का इस्तेमाल किए किसी भी स्मार्ट डिवाइस को कंट्रोल कर सकते है.
- ब्लूटूथ हमे काफी सस्ते दामों मे मिल जाता है इसे कोई भी खरीद सकत है.
- यह काफी कम एनर्जी पर काम करता है.
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Bluetooth के Disadvantages
- जूब हमारे डिवाइस मे बिना काम के ब्लूटूथ ऑन हो तब भी यह एनर्जी लेती है.
- यह वाईफाई के मुकाबले काफी कम एरिया मे काम करता है.
- इसका डेटा ट्रांसफर रेट काफी स्लो होता है.
- यह ज्यादा सिक्युर नहीं होता है.
Bluetooth Network क्या है और इसके प्रकार
Bluetooth network उस network को कहा जाता है For instance जहाँ की बहुत सारे bluetooth users आपस में जुड़े हुए होते हैं और communicate कर रहे होते हैं. इन networks में मुख्य रूप से दो ही मुख्य element होते हैं पहला Master और दूसरा Slave.
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To Clarify मुख्य रूप से दो प्रकार की ही network topologies को ज्यादा अहमियत दी गयी हैं Bluetooth में.
1) Piconet
2) Scatternet.
Piconet
Firstly Piconet तब form होता है जब one master और one slave मौजूद हो या फिर one master और multiple slaves मौजूद हों. ज्यादा से ज्यादा maximum 7 active slaves ही रह सकते हैं piconet में. इसलिए ज्यादा से ज्यादा 8 maximum devices एक साथ एक छोटे से network में साथ communicate कर सकते हैं और जिन्हें की piconet कहा जता है. Slaves केवल तब ही transmit करते हैं जब की master bluetooth device उन्हें कुछ request करे तब. लगभग 255 slaves हमेशा parking state में मौजूद होते हैं.
Active slaves को poll किया जाता है master के द्वारा transmission करने के लिए. प्रत्येक station को केवल 8 bit parked address ही प्राप्त होता है. There for so total 255 parked slaves ही possible होते हैं एक piconet में. ये parked station केवल 2 ms के भीतर ही join कर सकते हैं. बाकि सभी stations को join होने में समय लग सकता है. केवल 10 ऐसे ही piconets किसी निर्धारित bluetooth radio coverage area में पाए जाते हैं.
Scatternet
Multiple Piconets के Combinations को Scatternet कहा जाता है. Certainly A device multiple piconets में participate कर सकता है. इसे timeshare करना पड़ता है और current piconet के master के साथ synchronize भी होना पड़ता है.
However ये उन data rate को support करता है जो की अलग अलग versions पर आधारित होते हैं जो की कुछ इस प्रकार है 720 kbps से 24 Mbps तक. ये 1 से 100 meters तक के दूरता को cover कर पाने की क्ष्य्मता रखते हैं जो की depend करता है की वो उस bluetooth device के किस power class को support करता है.
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